पहले भारतीय राकेश शर्मा
– अंतरिक्ष में पहुंचने वाले पहले भारतीय राकेश शर्मा थे। उन्होंने 3 अप्रैल 1984 को सोवियत इंटरकोस्मोस कार्यक्रम के तहत सोयूज टी-11 पर उड़ान भरी थी। वह भारतीय वायुसेना के अधिकारी थे। उन्होंने अंतरिक्ष स्टेशन “सैल्यूट 7” में 7 पर 7 दिन, 21 घंटे और 40 मिनट बिताए थे।
दूसरे भारतीय शुभांशु शुक्ला
– राकेश शर्मा के अंतरिक्ष में पहुंचने के 41 वर्ष बाद शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में पहुंचे।
– वह 26 जून 2025 को एक्सिओम-4 (Axiom-4) मिशन के तहत 3 अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अंतरिक्ष पहुंचे। वह इंटरनेशन स्पेस स्टेशन में रिसर्च का काम करने पहुंचे।
– इसके लिए फाल्कन-9 रॉकेट का इस्तेमाल किया गया।
– एक्सिओम-4 मिशन फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया।
– स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट से जुड़े ड्रैगन कैप्सूल में सभी एस्ट्रोनॉट ने उड़ान भरी।
– ये स्पेसक्राफ्ट करीब 28.5 घंटे के बाद 26 जून को शाम 04:30 बजे ISS से जुड़ेगा।
शुभांशु ने कहा
– “अंतरिक्ष में पहुंचने के बाद शुभांशु ने कहा- व्हाट ए राइड। मेरे कंधे पर लगा तिरंगा बताता है कि मैं आप सभी के साथ हूं।”
– वहीं लॉन्चिंग सफल होने पर शुभांशु के माता-पिता आशा शुक्ला और शंभु दयाल शुक्ला भावुक हो गए। उन्होंने बेटे की सफलता पर ताली बजाकर खुशी जताई।
मिशन के अन्य पायलट
– स्लावोस्ज उज्नान्स्की (पोलैंड)
– पैगी व्हिटसन (USA)
– टिबोर कापू (हंगरी)
– अंतरिक्ष में पहुंचने वाले पहले भारतीय राकेश शर्मा थे। उन्होंने 3 अप्रैल 1984 को सोवियत इंटरकोस्मोस कार्यक्रम के तहत सोयूज टी-11 पर उड़ान भरी थी। वह भारतीय वायुसेना के अधिकारी थे। उन्होंने अंतरिक्ष स्टेशन “सैल्यूट 7” में 7 पर 7 दिन, 21 घंटे और 40 मिनट बिताए थे।
दूसरे भारतीय शुभांशु शुक्ला
– राकेश शर्मा के अंतरिक्ष में पहुंचने के 41 वर्ष बाद शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में पहुंचे।
– वह 26 जून 2025 को एक्सिओम-4 (Axiom-4) मिशन के तहत 3 अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अंतरिक्ष पहुंचे। वह इंटरनेशन स्पेस स्टेशन में रिसर्च का काम करने पहुंचे।
– इसके लिए फाल्कन-9 रॉकेट का इस्तेमाल किया गया।
– एक्सिओम-4 मिशन फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया।
– स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट से जुड़े ड्रैगन कैप्सूल में सभी एस्ट्रोनॉट ने उड़ान भरी।
– ये स्पेसक्राफ्ट करीब 28.5 घंटे के बाद 26 जून को शाम 04:30 बजे ISS से जुड़ेगा।
शुभांशु ने कहा
– “अंतरिक्ष में पहुंचने के बाद शुभांशु ने कहा- व्हाट ए राइड। मेरे कंधे पर लगा तिरंगा बताता है कि मैं आप सभी के साथ हूं।”
– वहीं लॉन्चिंग सफल होने पर शुभांशु के माता-पिता आशा शुक्ला और शंभु दयाल शुक्ला भावुक हो गए। उन्होंने बेटे की सफलता पर ताली बजाकर खुशी जताई।
मिशन के अन्य पायलट
– स्लावोस्ज उज्नान्स्की (पोलैंड)
– पैगी व्हिटसन (USA)
– टिबोर कापू (हंगरी)
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में जाने वाले पहले भारतीय का नाम बताएं?
Anonymous Quiz
5%
अजीत कृष्णन
15%
अंगद प्रताप
74%
शुभांशु शुक्ला
6%
प्रशांत बालकृष्णन
कौन हैं शुभांशु शुक्ला?
– शुभांशु का जन्म 1986 में उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था।
– उन्होंने अपनी पढ़ाई राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) से की।
– वह 2006 में वायु सेना में शामिल हुए और फाइटर जेट उड़ाने का अनुभव रखते हैं।
– उन्हें ISRO के गगनयान मिशन के लिए भी चुना गया है, जो भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है।
– अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए उन्होंने रूस और अमेरिका में खास ट्रेनिंग ली। इसमें उन्होंने माइक्रोग्रैविटी में काम करना, इमरजेंसी हैंडलिंग और वैज्ञानिक प्रयोग सीखे।
ISS पर शुभांशु के कौन से प्रयोग
– 14 दिनों तक शुभांशु 7 प्रयोग।
– इनमें ज्यादातर बायोलॉजिकल स्टडीज हैं, जैसे कि अंतरिक्ष में मानव स्वास्थ्य और जीवों पर असर देखना।
– इसके अलावा वो NASA के साथ 5 और प्रयोग भी हैं।
– इसे लंबे अंतरिक्ष मिशनों के लिए डेटा जुटाया जा रहा है
– इस मिशन में किए गए प्रयोग भारत के गगनयान मिशन को मजबूत करेंगे।
इस मिशन में भारत को कितनी लागत आई है?
– इस मिशन पर भारत ने अब तक करीब 548 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
– इसमें शुभांशु और उनके बैकअप ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर की ट्रेनिंग का खर्च भी शामिल है।
– ये रकम ट्रेनिंग, उपकरण और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी में लगे हैं।
भारत के लिए यह मिशन कितना अहम है?
– शुभांशु का ये अनुभव गगनयान मिशन (2027 में प्लान्ड) के लिए बहुत मददगार होगा। वापस आने के बाद वो जो डेटा और अनुभव लाएंगे, वो भारत के अंतरिक्ष प्रोग्राम को आगे बढ़ाने में हेल्प कर सकता है।
क्या ये प्राइवेट स्पेस मिशन है?
– हां, ऐक्सीओम मिशन 4 एक प्राइवेट स्पेस फ्लाइट मिशन है। अमेरिका की प्राइवेट स्पेस कंपनी एक्सियम स्पेस और नासा के कोलैबोरेशन में यह हो रहा है। ऐक्सीओम स्पेस का यह चौथा मिशन है।
– शुभांशु का जन्म 1986 में उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था।
– उन्होंने अपनी पढ़ाई राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) से की।
– वह 2006 में वायु सेना में शामिल हुए और फाइटर जेट उड़ाने का अनुभव रखते हैं।
– उन्हें ISRO के गगनयान मिशन के लिए भी चुना गया है, जो भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है।
– अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए उन्होंने रूस और अमेरिका में खास ट्रेनिंग ली। इसमें उन्होंने माइक्रोग्रैविटी में काम करना, इमरजेंसी हैंडलिंग और वैज्ञानिक प्रयोग सीखे।
ISS पर शुभांशु के कौन से प्रयोग
– 14 दिनों तक शुभांशु 7 प्रयोग।
– इनमें ज्यादातर बायोलॉजिकल स्टडीज हैं, जैसे कि अंतरिक्ष में मानव स्वास्थ्य और जीवों पर असर देखना।
– इसके अलावा वो NASA के साथ 5 और प्रयोग भी हैं।
– इसे लंबे अंतरिक्ष मिशनों के लिए डेटा जुटाया जा रहा है
– इस मिशन में किए गए प्रयोग भारत के गगनयान मिशन को मजबूत करेंगे।
इस मिशन में भारत को कितनी लागत आई है?
– इस मिशन पर भारत ने अब तक करीब 548 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
– इसमें शुभांशु और उनके बैकअप ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर की ट्रेनिंग का खर्च भी शामिल है।
– ये रकम ट्रेनिंग, उपकरण और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी में लगे हैं।
भारत के लिए यह मिशन कितना अहम है?
– शुभांशु का ये अनुभव गगनयान मिशन (2027 में प्लान्ड) के लिए बहुत मददगार होगा। वापस आने के बाद वो जो डेटा और अनुभव लाएंगे, वो भारत के अंतरिक्ष प्रोग्राम को आगे बढ़ाने में हेल्प कर सकता है।
क्या ये प्राइवेट स्पेस मिशन है?
– हां, ऐक्सीओम मिशन 4 एक प्राइवेट स्पेस फ्लाइट मिशन है। अमेरिका की प्राइवेट स्पेस कंपनी एक्सियम स्पेस और नासा के कोलैबोरेशन में यह हो रहा है। ऐक्सीओम स्पेस का यह चौथा मिशन है।
संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य (SDG) सूचकांक 2025 में भारत की क्या रैंक है?
Anonymous Quiz
7%
68
35%
77
29%
89
28%
99
– रिपोर्ट का नाम – सस्टेनेबल डेवलपमेंट रिपोर्ट (SDR) 2025
– किसने जारी किया – UN सस्टेनेबल डेवलपमेंट सॉल्यूशन नेटवर्क
– SDG इंडेक्स 2025 में शामिल देश – 167
– 2025 में भारत की रैंक – 99 (इससे पहले 2024 में रैंक 109)
– यह सूचकांक, हर देश के प्रदर्शन को 17 SDG के संबंध में मापता है और उन्हें एक समग्र स्कोर देता है।
सतत विकास लक्ष्य (SDG) क्या है?
– संयुक्त राष्ट्र (United Nations – UN) ने 2015 में 17 वैश्विक लक्ष्य तय किए थे।
– इन्हें वर्ष 2030 तक प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
– इन लक्ष्यों का उद्देश्य पूरी दुनिया में गरीबी हटाना, पृथ्वी की रक्षा करना और सभी लोगों के लिए शांति और समृद्धि सुनिश्चित करना है।
SDG के 17 लक्ष्य
1) गरीबी समाप्त करना (No Poverty)
2) भुखमरी समाप्त करना (Zero Hunger)
3) अच्छा स्वास्थ्य और कल्याण (Good Health and Well-being)
4) गुणवत्तापूर्ण शिक्षा (Quality Education)
5) लैंगिक समानता (Gender Equality)
6) साफ पानी और स्वच्छता (Clean Water and Sanitation)
7) सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा (Affordable and Clean Energy)
8) योग्य कार्य और आर्थिक वृद्धि (Decent Work and Economic Growth)
9) उद्योग, नवाचार और बुनियादी ढांचा (Industry, Innovation and Infrastructure)
10) असमानता में कमी (Reduced Inequalities)
11) सतत शहर और समुदाय (Sustainable Cities and Communities)
12) जिम्मेदार उपभोग और उत्पादन (Responsible Consumption and Production)
13) जलवायु परिवर्तन से निपटना (Climate Action)
14) समुद्री जीवन का संरक्षण (Life Below Water)
15) स्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण (Life on Land)
16) शांति, न्याय और सशक्त संस्थान (Peace, Justice and Strong Institutions)
17) लक्ष्य प्राप्त करने के लिए वैश्विक साझेदारी (Partnerships for the Goals)
भारत पहली बार शीर्ष 100 में
– भारत पहली बार एसडीजी सूचकांक में शीर्ष 100 में पहुंचा है।
– संयुक्त राष्ट्र सतत विकास समाधान नेटवर्क की ये रिपोर्ट 24 जून 2025 को जारी की गई है।
– इस संस्करण में भारत ने 167 देशों में से 99वां स्थान प्राप्त किया है।
– रिपोर्ट में भारत को 67 अंक दिए गए हैं।
– वर्ष 2024 में भारत को 109वां स्थान मिला।
– 2023 में भारत ने 112वां, 2022 में 121वां, 2021 में 120वां और 2020 में 117वां स्थान हासिल किया था।
– संयुक्त राज्य अमेरिका 75.2 अंकों के साथ 44वें स्थान पर है।
टॉप 10 देश
1) फिनलैंड
2) स्वीडेन
3) डेनमार्क
4) जर्मनी
5) फ्रांस
6) ऑस्ट्रिया
7) नॉर्वे
8) क्रोएशिया
9) पोलैंड
10) चेकिया
नोट – सबसे खराब स्थिति दक्षिण सूडान की है। उसकी रैंक 167 है।
पड़ोसी देशों की रैंकिंग
– चीन 74.4 अंक के साथ 49वां स्थान।
– भूटान 70.5 क साथ 74वां स्थान
– नेपाल 68.6 अंक के साथ 85वां स्थान
– बांग्लादेश 63.9 114 स्थान
– समुद्री पड़ोसी मालदीव और श्रीलंका 53वें और 93वें स्थान पर हैं।
विकास लक्ष्य की प्रगति थमी
– रिपोर्ट के मुख्य लेखक विश्व प्रसिद्ध अर्थशास्त्री जेफरी सैश ने कहा कि वैश्विक स्तर पर सतत विकास लक्ष्य की प्रगति थम गई है।
– 2015 में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों द्वारा अपनाए गए 17 लक्ष्यों में से केवल 17 प्रतिशत ही 2030 तक हासिल किए जा सकेंगे।
यूरोपीय देश रैंकिंग में टॉप पर
– यूरोपीय देश विशेष रूप से नार्डिक (उत्तरी यूरोप और उत्तरी अटलांटिक में स्थित क्षेत्र) इस सूचकांक में शीर्ष पर हैं।
– फिनलैंड पहले, स्वीडन दूसरे, डेनमार्क तीसरे स्थान पर है।
– शीर्ष 20 देशों में से कुल 19 देश यूरोप से हैं।
– किसने जारी किया – UN सस्टेनेबल डेवलपमेंट सॉल्यूशन नेटवर्क
– SDG इंडेक्स 2025 में शामिल देश – 167
– 2025 में भारत की रैंक – 99 (इससे पहले 2024 में रैंक 109)
– यह सूचकांक, हर देश के प्रदर्शन को 17 SDG के संबंध में मापता है और उन्हें एक समग्र स्कोर देता है।
सतत विकास लक्ष्य (SDG) क्या है?
– संयुक्त राष्ट्र (United Nations – UN) ने 2015 में 17 वैश्विक लक्ष्य तय किए थे।
– इन्हें वर्ष 2030 तक प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
– इन लक्ष्यों का उद्देश्य पूरी दुनिया में गरीबी हटाना, पृथ्वी की रक्षा करना और सभी लोगों के लिए शांति और समृद्धि सुनिश्चित करना है।
SDG के 17 लक्ष्य
1) गरीबी समाप्त करना (No Poverty)
2) भुखमरी समाप्त करना (Zero Hunger)
3) अच्छा स्वास्थ्य और कल्याण (Good Health and Well-being)
4) गुणवत्तापूर्ण शिक्षा (Quality Education)
5) लैंगिक समानता (Gender Equality)
6) साफ पानी और स्वच्छता (Clean Water and Sanitation)
7) सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा (Affordable and Clean Energy)
8) योग्य कार्य और आर्थिक वृद्धि (Decent Work and Economic Growth)
9) उद्योग, नवाचार और बुनियादी ढांचा (Industry, Innovation and Infrastructure)
10) असमानता में कमी (Reduced Inequalities)
11) सतत शहर और समुदाय (Sustainable Cities and Communities)
12) जिम्मेदार उपभोग और उत्पादन (Responsible Consumption and Production)
13) जलवायु परिवर्तन से निपटना (Climate Action)
14) समुद्री जीवन का संरक्षण (Life Below Water)
15) स्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण (Life on Land)
16) शांति, न्याय और सशक्त संस्थान (Peace, Justice and Strong Institutions)
17) लक्ष्य प्राप्त करने के लिए वैश्विक साझेदारी (Partnerships for the Goals)
भारत पहली बार शीर्ष 100 में
– भारत पहली बार एसडीजी सूचकांक में शीर्ष 100 में पहुंचा है।
– संयुक्त राष्ट्र सतत विकास समाधान नेटवर्क की ये रिपोर्ट 24 जून 2025 को जारी की गई है।
– इस संस्करण में भारत ने 167 देशों में से 99वां स्थान प्राप्त किया है।
– रिपोर्ट में भारत को 67 अंक दिए गए हैं।
– वर्ष 2024 में भारत को 109वां स्थान मिला।
– 2023 में भारत ने 112वां, 2022 में 121वां, 2021 में 120वां और 2020 में 117वां स्थान हासिल किया था।
– संयुक्त राज्य अमेरिका 75.2 अंकों के साथ 44वें स्थान पर है।
टॉप 10 देश
1) फिनलैंड
2) स्वीडेन
3) डेनमार्क
4) जर्मनी
5) फ्रांस
6) ऑस्ट्रिया
7) नॉर्वे
8) क्रोएशिया
9) पोलैंड
10) चेकिया
नोट – सबसे खराब स्थिति दक्षिण सूडान की है। उसकी रैंक 167 है।
पड़ोसी देशों की रैंकिंग
– चीन 74.4 अंक के साथ 49वां स्थान।
– भूटान 70.5 क साथ 74वां स्थान
– नेपाल 68.6 अंक के साथ 85वां स्थान
– बांग्लादेश 63.9 114 स्थान
– समुद्री पड़ोसी मालदीव और श्रीलंका 53वें और 93वें स्थान पर हैं।
विकास लक्ष्य की प्रगति थमी
– रिपोर्ट के मुख्य लेखक विश्व प्रसिद्ध अर्थशास्त्री जेफरी सैश ने कहा कि वैश्विक स्तर पर सतत विकास लक्ष्य की प्रगति थम गई है।
– 2015 में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों द्वारा अपनाए गए 17 लक्ष्यों में से केवल 17 प्रतिशत ही 2030 तक हासिल किए जा सकेंगे।
यूरोपीय देश रैंकिंग में टॉप पर
– यूरोपीय देश विशेष रूप से नार्डिक (उत्तरी यूरोप और उत्तरी अटलांटिक में स्थित क्षेत्र) इस सूचकांक में शीर्ष पर हैं।
– फिनलैंड पहले, स्वीडन दूसरे, डेनमार्क तीसरे स्थान पर है।
– शीर्ष 20 देशों में से कुल 19 देश यूरोप से हैं।
विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 का शुभंकर क्या है?
Anonymous Quiz
38%
विराज
37%
सावज
22%
ब्लेज़
4%
टोंक
विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप कब और कहा
– भारत पहली बार मेजबान बना
– दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में
– 27 सितंबर 2025 से 5 अक्टूबर तक
– कुल पदक स्पर्धा : 186
शुभंकर ‘विराज’
– 20 जून, 2025 को नई दिल्ली में पैरालंपिक समिति (पीसीआई) द्वारा लोगो और शुभंकर का अनावरण किया।
– विराज, एक युवा हाथी है। इसके शरीर पर कृत्रिम ब्लेड (कृत्रिम पैर) लगा हुआ है।
– यह शक्ति, साहस और जीत का प्रतीक, विराज पैरा-एथलीटों की अजेय भावना का प्रतीक है जो हर चुनौती से आगे बढ़ते हैं। अपने साहसिक रुख और निडर आँखों से, वह एक राष्ट्र को विश्वास करने, खुश होने और पहले से कहीं ज़्यादा बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित करता है।
– पीसीआई के अध्यक्ष देवेंद्र झाझरिया ने कहा, इसमें 100 से अधिक देश भाग लेने जा रहे हैं।
– भारत पहली बार मेजबान बना
– दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में
– 27 सितंबर 2025 से 5 अक्टूबर तक
– कुल पदक स्पर्धा : 186
शुभंकर ‘विराज’
– 20 जून, 2025 को नई दिल्ली में पैरालंपिक समिति (पीसीआई) द्वारा लोगो और शुभंकर का अनावरण किया।
– विराज, एक युवा हाथी है। इसके शरीर पर कृत्रिम ब्लेड (कृत्रिम पैर) लगा हुआ है।
– यह शक्ति, साहस और जीत का प्रतीक, विराज पैरा-एथलीटों की अजेय भावना का प्रतीक है जो हर चुनौती से आगे बढ़ते हैं। अपने साहसिक रुख और निडर आँखों से, वह एक राष्ट्र को विश्वास करने, खुश होने और पहले से कहीं ज़्यादा बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित करता है।
– पीसीआई के अध्यक्ष देवेंद्र झाझरिया ने कहा, इसमें 100 से अधिक देश भाग लेने जा रहे हैं।
किस देश ने 64 वर्ष बाद पहली बार असैन्य लीडर को रक्षा मंत्री नियुक्त किया?
Anonymous Quiz
52%
दक्षिण कोरिया
25%
ईरान
20%
सिंगापुर
3%
जापान
– दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्युंग ने 23 जून 2025 को पहली बार किसी आम नागरिक आह्न ग्यू-बैक को रक्षा मंत्री नियुक्त किया है।
– दक्षिण कोरिया में 64 साल बाद ये हुआ है।
– आह्न ग्यू-बैक पांच बार के सांसद और डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता हैं।
– इससे पहले रक्षा मंत्री का पद हमेशा सेना के रिटायर्ड जनरलों के हाथों में ही रहा है।
– यह फैसला ऐसे वक्त में आया है जब देश के पूर्व रक्षा मंत्री किम योंग ह्युन समेत कई शीर्ष सैन्य अधिकारी आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं।
– ये अधिकारी पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल के कार्यकाल के दौरान देश में मार्शल लॉ लागू करने में शामिल बताए जा रहे हैं।
– यून सुक योन पर बगावत के आरोप हैं और उन्हें राष्ट्रपति पद से हटा दिया गया है।
– आह्न ग्यू लंबे समय से नेशनल असेंबली की रक्षा समिति से जुड़े रहे हैं।
– इसके अलावा वह उस संसदीय जांच समिति के प्रमुख भी रहे हैं, जिसने वर्ष 2024 में यून के मार्शल लॉ लागू करने के पूरे घटनाक्रम की जांच की थी।
दक्षिण कोरिया
राजधानी: सियोल
प्रधानमंत्री: ली जू-हो
आबादी: 5.17 करोड़ (2023)
भाषा: कोरियाई वोन (KRW)
मुद्रा: दक्षिण कोरियाई वॉन
– दक्षिण कोरिया में 64 साल बाद ये हुआ है।
– आह्न ग्यू-बैक पांच बार के सांसद और डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता हैं।
– इससे पहले रक्षा मंत्री का पद हमेशा सेना के रिटायर्ड जनरलों के हाथों में ही रहा है।
– यह फैसला ऐसे वक्त में आया है जब देश के पूर्व रक्षा मंत्री किम योंग ह्युन समेत कई शीर्ष सैन्य अधिकारी आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं।
– ये अधिकारी पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल के कार्यकाल के दौरान देश में मार्शल लॉ लागू करने में शामिल बताए जा रहे हैं।
– यून सुक योन पर बगावत के आरोप हैं और उन्हें राष्ट्रपति पद से हटा दिया गया है।
– आह्न ग्यू लंबे समय से नेशनल असेंबली की रक्षा समिति से जुड़े रहे हैं।
– इसके अलावा वह उस संसदीय जांच समिति के प्रमुख भी रहे हैं, जिसने वर्ष 2024 में यून के मार्शल लॉ लागू करने के पूरे घटनाक्रम की जांच की थी।
दक्षिण कोरिया
राजधानी: सियोल
प्रधानमंत्री: ली जू-हो
आबादी: 5.17 करोड़ (2023)
भाषा: कोरियाई वोन (KRW)
मुद्रा: दक्षिण कोरियाई वॉन
यूरोपीय सेंट्रल बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के केंद्रीय बैंकों में सबसे बड़े भंडार के रूप में 2024 में अमेरिकी डॉलर के बाद दूसरे स्थान पर इनमें से क्या है, जिसने यूरो को भी पीछे छोड़ दिया?
Anonymous Quiz
10%
रुपया
51%
युआन
32%
सोना
7%
रूबल
– यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने यह रिपोर्ट 11 जून 2025 को जारी की।
– सोने ने अब आधिकारिक रूप से वैश्विक भंडार संपत्तियों (global repository assets) में दूसरा सबसे बड़ा स्थान हासिल कर लिया है।
वैश्विक भंडार में हिस्सेदारी (2024) : 47% अमेरिकी डॉलर, 16% यूरो, 19% सोना
सोना क्यों?
– इसे एक सुरक्षित परिसंपत्ति के रूप में माना जाता है।
– विशेष रूप से आर्थिक अस्थिरता के दौरान तरलता और दीर्घकालिक मूल्य प्रदान करता है।
– केंद्रीय बैंकों की सोने की अत्यधिक खरीद और बहुमूल्य धातु की बढ़ती कीमत के कारण मूल्य के संदर्भ में सोना बड़े भंडार के रूप में अमेरिकी डॉलर के बाद दूसरे स्थान पर आ गया है।
उभरती अर्थव्यवस्थाएं बदलाव का नेतृत्व कर रही हैं
– मुद्रा प्रतिबंधों से चिंतित देशों (जैसे, रूस, चीन) ने सोने की ओर रुख किया।
– डॉलर/यूरो के प्रभुत्व में कमी आने के भय से प्रेरित।
– फरवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर आक्रमण के समय कीमती धातु के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ आया, जिसने मुद्रास्फीति में वृद्धि और ब्याज दरों में वृद्धि की उम्मीदों के साथ मिलकर परिसंपत्तियों की ओर पलायन को बढ़ावा दिया।
– तब से भू-राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितता लगातार उच्च बनी हुई है।
क्या संकेत है सोने का रिजर्व
– दशकों से, अमेरिकी डॉलर और यूरो जैसी मुद्रा दुनिया के केंद्रीय बैंकों की होल्डिंग्स पर हावी रही हैं।
– दूसरे स्थान पर सोने का आना इस बात का संकेत है कि देश अपनी संपत्ति की सुरक्षा के तरीके में बड़ा बदलाव कर रहे हैं।
– यह बदलाव रिकॉर्ड केंद्रीय बैंक खरीद, बढ़ती कीमतों और राष्ट्रों के बीच बढ़ती इच्छा – विशेष रूप से प्रतिबंधों से सावधान- आरक्षित मुद्राओं पर निर्भरता कम करने के लिए हुआ है।
परिवर्तन के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं:
– केंद्रीय बैंक 2022 से सोने की खरीदारी के दौर में हैं, जो प्रति वर्ष 1,000 टन से अधिक जमा कर रहे हैं – जो पिछले दशक की औसत वार्षिक खरीद दर से दोगुना है।
– 2024 तक, कुल स्वर्ण भंडार 36,000 टन था, जो 1965 में 38,000 टन के शिखर से थोड़ा कम था।
सोने के बड़े खरीदार
– चीन, भारत और तुर्की ने वर्ष 2021 के अंत से 600 टन से अधिक सोना जोड़ा है।
– चीन और रूस के साथ निकटता से जुड़े देशों ने अपने विदेशी भंडार में सोने की हिस्सेदारी में सबसे तेज वृद्धि दिखाई है।
– जब तक कोई और भू-राजनीतिक झटका नहीं आता, तब तक खरीद की गति धीमी हो सकती है।
– हालांकि सोने के अभी भी मुख्य रिजर्व होल्डिंग बने रहने की उम्मीद है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार गोल्ड रिजर्व (फरवरी 2025)
1) संयुक्त राज्य अमेरिका : 8,133.46
2) जर्मनी : 3,351.53
3) इटली : 2,451.84
4) फ्रांस : 2,437.00
5) चीन : 2,279.56
6) स्विट्ज़रलैंड : 1,039.94
7) भारत : 876.18
8) जापान : 845.97
9) नीदरलैंड : 612.45
10) पोलैंड : 448.23
– सोने ने अब आधिकारिक रूप से वैश्विक भंडार संपत्तियों (global repository assets) में दूसरा सबसे बड़ा स्थान हासिल कर लिया है।
वैश्विक भंडार में हिस्सेदारी (2024) : 47% अमेरिकी डॉलर, 16% यूरो, 19% सोना
सोना क्यों?
– इसे एक सुरक्षित परिसंपत्ति के रूप में माना जाता है।
– विशेष रूप से आर्थिक अस्थिरता के दौरान तरलता और दीर्घकालिक मूल्य प्रदान करता है।
– केंद्रीय बैंकों की सोने की अत्यधिक खरीद और बहुमूल्य धातु की बढ़ती कीमत के कारण मूल्य के संदर्भ में सोना बड़े भंडार के रूप में अमेरिकी डॉलर के बाद दूसरे स्थान पर आ गया है।
उभरती अर्थव्यवस्थाएं बदलाव का नेतृत्व कर रही हैं
– मुद्रा प्रतिबंधों से चिंतित देशों (जैसे, रूस, चीन) ने सोने की ओर रुख किया।
– डॉलर/यूरो के प्रभुत्व में कमी आने के भय से प्रेरित।
– फरवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर आक्रमण के समय कीमती धातु के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ आया, जिसने मुद्रास्फीति में वृद्धि और ब्याज दरों में वृद्धि की उम्मीदों के साथ मिलकर परिसंपत्तियों की ओर पलायन को बढ़ावा दिया।
– तब से भू-राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितता लगातार उच्च बनी हुई है।
क्या संकेत है सोने का रिजर्व
– दशकों से, अमेरिकी डॉलर और यूरो जैसी मुद्रा दुनिया के केंद्रीय बैंकों की होल्डिंग्स पर हावी रही हैं।
– दूसरे स्थान पर सोने का आना इस बात का संकेत है कि देश अपनी संपत्ति की सुरक्षा के तरीके में बड़ा बदलाव कर रहे हैं।
– यह बदलाव रिकॉर्ड केंद्रीय बैंक खरीद, बढ़ती कीमतों और राष्ट्रों के बीच बढ़ती इच्छा – विशेष रूप से प्रतिबंधों से सावधान- आरक्षित मुद्राओं पर निर्भरता कम करने के लिए हुआ है।
परिवर्तन के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं:
– केंद्रीय बैंक 2022 से सोने की खरीदारी के दौर में हैं, जो प्रति वर्ष 1,000 टन से अधिक जमा कर रहे हैं – जो पिछले दशक की औसत वार्षिक खरीद दर से दोगुना है।
– 2024 तक, कुल स्वर्ण भंडार 36,000 टन था, जो 1965 में 38,000 टन के शिखर से थोड़ा कम था।
सोने के बड़े खरीदार
– चीन, भारत और तुर्की ने वर्ष 2021 के अंत से 600 टन से अधिक सोना जोड़ा है।
– चीन और रूस के साथ निकटता से जुड़े देशों ने अपने विदेशी भंडार में सोने की हिस्सेदारी में सबसे तेज वृद्धि दिखाई है।
– जब तक कोई और भू-राजनीतिक झटका नहीं आता, तब तक खरीद की गति धीमी हो सकती है।
– हालांकि सोने के अभी भी मुख्य रिजर्व होल्डिंग बने रहने की उम्मीद है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार गोल्ड रिजर्व (फरवरी 2025)
1) संयुक्त राज्य अमेरिका : 8,133.46
2) जर्मनी : 3,351.53
3) इटली : 2,451.84
4) फ्रांस : 2,437.00
5) चीन : 2,279.56
6) स्विट्ज़रलैंड : 1,039.94
7) भारत : 876.18
8) जापान : 845.97
9) नीदरलैंड : 612.45
10) पोलैंड : 448.23
25 जून को इनमें से कौन सा दिवस मनाया जाता है?
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9%
बलिदान दिवस
35%
आपातकाल दिवस
53%
संविधान हत्या दिवस
3%
सिख दंगे विरोधी दिवस
– दरअसल 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी।
– यह 21 मार्च 1977 यानी 21 महीने तक लागू रहा था।
– भाजपा इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाती है।
– 25 जून 2025 को पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर एक निंदा प्रस्ताव भी पास किया गया।
– इसके बाद आपातकाल के पीड़ितों को श्रद्धांजलि के रूप में दो मिनट का मौन रखा गया।
– यह 21 मार्च 1977 यानी 21 महीने तक लागू रहा था।
– भाजपा इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाती है।
– 25 जून 2025 को पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर एक निंदा प्रस्ताव भी पास किया गया।
– इसके बाद आपातकाल के पीड़ितों को श्रद्धांजलि के रूप में दो मिनट का मौन रखा गया।
मिजोरम और गोवा के बाद देश का तीसरा पूर्ण साक्षर राज्य कौन बना?
Anonymous Quiz
6%
असम
26%
तमिलनाडु
60%
त्रिपुरा
7%
अरुणाचल प्रदेश
– केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने त्रिपुरा को ULLAS (Understanding Lifelong Learning for All in Society) नवभारत साक्षरता दर कार्यक्रम के तहत पूर्ण साक्षर राज्य का दर्जा दिया।
– 23 जून, 2025 को पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया गया है।
– यह ULLAS कार्यक्रम केंद्र सरकार द्वारा 2022 से चलाया जा रहा है।
– त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा, “मिजोरम और गोवा के बाद, त्रिपुरा अब भारत संघ का तीसरा पूर्ण साक्षर राज्य है। मैं इस मिशन में योगदान देने वाले सभी लोगों को बधाई देता हूं।”
– शिक्षा मंत्रालय के वयस्क साक्षरता विभाग की निदेशक प्रीति मीना ने बताया केंद्र सरकार ने 2030 तक भारत को पूर्ण साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा है।
– त्रिपुरा में हमने 23,184 निरक्षर वयस्कों की पहचान की और उन्हें इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता प्रदान की।”
त्रिपुरा
– राजधानी: अगरतला
– सीएम – माणिक साहा
– राज्यपाल: नल्लू इंद्रसेना रेड्डी
– आबादी: 36.7 लाख (2011)
– भाषा: बंगाली और कोकबोरोक
– पड़ोसी राज्य: असम, मिजोरम
– 23 जून, 2025 को पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया गया है।
– यह ULLAS कार्यक्रम केंद्र सरकार द्वारा 2022 से चलाया जा रहा है।
– त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा, “मिजोरम और गोवा के बाद, त्रिपुरा अब भारत संघ का तीसरा पूर्ण साक्षर राज्य है। मैं इस मिशन में योगदान देने वाले सभी लोगों को बधाई देता हूं।”
– शिक्षा मंत्रालय के वयस्क साक्षरता विभाग की निदेशक प्रीति मीना ने बताया केंद्र सरकार ने 2030 तक भारत को पूर्ण साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा है।
– त्रिपुरा में हमने 23,184 निरक्षर वयस्कों की पहचान की और उन्हें इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता प्रदान की।”
त्रिपुरा
– राजधानी: अगरतला
– सीएम – माणिक साहा
– राज्यपाल: नल्लू इंद्रसेना रेड्डी
– आबादी: 36.7 लाख (2011)
– भाषा: बंगाली और कोकबोरोक
– पड़ोसी राज्य: असम, मिजोरम
अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस कब मनाया जाता है?
Anonymous Quiz
6%
21 जून
29%
22 जून
40%
23 जून
25%
24 जून
– इस दिवस को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2011 में मान्यता दी थी।
क्यों अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस?
– विधवाओं की दशा को सुधारने और उन्हें अवसर देने के लिए जागरूता के लिए यह दिवस आयोजित होता है।
– दरअसल, विधवाएँ, विशेष रूप से विकासशील देशों में, अक्सर अपने पतियों की मृत्यु के बाद भेदभाव, सामाजिक अलगाव और आर्थिक कठिनाई का अनुभव करती हैं।
– उन्हें संपत्ति विरासत में लेने, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा तक पहुंचने और कार्यबल में भाग लेने में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है और कई विधवाएं और उनके बच्चे गरीबी और हाशिए के चक्र में फंस गए हैं।
क्यों अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस?
– विधवाओं की दशा को सुधारने और उन्हें अवसर देने के लिए जागरूता के लिए यह दिवस आयोजित होता है।
– दरअसल, विधवाएँ, विशेष रूप से विकासशील देशों में, अक्सर अपने पतियों की मृत्यु के बाद भेदभाव, सामाजिक अलगाव और आर्थिक कठिनाई का अनुभव करती हैं।
– उन्हें संपत्ति विरासत में लेने, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा तक पहुंचने और कार्यबल में भाग लेने में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है और कई विधवाएं और उनके बच्चे गरीबी और हाशिए के चक्र में फंस गए हैं।
दिलीप दोशी का 23 जून 2025 को निधन हो गया वह किस खेल से जुड़े थे?
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17%
निशानेबाजी
29%
फुटबॉल
22%
हॉकी
31%
क्रिकेट
– 77 वर्ष के बाएं हाथ के स्पिनर दिलीप दोशी का लंदन में हृदयाघात के बाद निधन हो गया।
– दिलीप दोशी ने 1979 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और 1983 में अपने 33 मैचों में से आखिरी मैच खेला।
– उन्होंने केवल 28 टेस्ट मैचों में 100 विकेट पूरे किए।
– दिलीप दोशी ने 1979 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और 1983 में अपने 33 मैचों में से आखिरी मैच खेला।
– उन्होंने केवल 28 टेस्ट मैचों में 100 विकेट पूरे किए।
अंतर्राष्ट्रीय नाविक दिवस कब मनाया जाता है?
Anonymous Quiz
11%
23 जून
33%
24 जून
41%
25 जून
15%
26 जून
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