– NATO के सदस्य देश अगले 10 साल में अपना रक्षा खर्च GDP का 5% तक बढ़ाएंगे।
– नीदरलैंड्स के द हेग शहर में हुई NATO समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यूरोपीय देशों से रक्षा खर्च बढ़ाने को कहा था।
– ट्रम्प चाहते हैं कि सभी सदस्य देश अपने GDP का 5% रक्षा पर खर्च करें।
– 2024 तक NATO के खर्च में यूरोपीय देशों का कुल योगदान केवल 30% है, जो देशों की GDP का औसतन 2% है।
– जबकि अमेरिका लगभग 66 प्रतिशत खर्च करता है।
3.5%-1.5% का समझौता
– NATO में चल रहे मतभेदों के बीच महासचिव मार्क रूटे ने एक नया प्रस्ताव रखा।
– इस प्रस्ताव के मुताबिक, सदस्य देशों को अपनी GDP का 3.5% सीधे सेना और हथियारों पर खर्च करना होगा और 1.5% ऐसे कामों पर जो रक्षा से जुड़े हों।
– प्रस्ताव में 1.5% खर्च की परिभाषा बहुत खुली रखी गई है। इसका मतलब यह है कि हर देश इसे अपने तरीके से समझ सकता है और किसी भी खर्च को ‘रक्षा खर्च’ बता सकता है।
– कुछ देश जैसे पोलैंड, एस्टोनिया और लिथुआनिया (जिन्हें रूस से खतरा ज्यादा है) इस लक्ष्य को पाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
– बाकी यूरोपीय देश इस खर्च को पूरा करने में अभी काफी पीछे हैं। कई देशों के लिए यह खर्च बहुत बड़ा है और वे शायद 2032 या 2035 तक भी इस लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाएंगे।
स्पेन इस प्रस्ताव के विरोध में
– स्पेन ने कहा कि उसने नाटो के साथ 5% लक्ष्य से बाहर रहने का समझौता कर लिया है, जबकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि यह आंकड़ा संयुक्त राज्य अमेरिका पर लागू नहीं होना चाहिए, केवल उसके सहयोगियों पर लागू होना चाहिए।
– स्पेन ने साफ कर दिया कि वह अपनी GDP का 5% रक्षा खर्च पर नहीं लगा सकता।
– स्पेन ने इसका विरोध करते हुए कहा कि वो 2.1% से ज्यादा खर्च नहीं करेगा।
– प्रधानमंत्री पेड्रो की सरकार पहले ही भ्रष्टाचार और राजनीतिक दबाव में है, और ऐसे में खर्च बढ़ाना और मुश्किल हो गया है।
– फ्रांस, इटली, कनाडा और बेल्जियम जैसे देश भी इतना खर्च करने को लेकर सहज नहीं हैं।
NATO की स्थापना: 4 अप्रैल 1949
हेडक्वार्टर: बेल्जियम
महासचिव: मार्क रूटे
नोट – वर्ल्ड बैंक और सिपरी की रिपोर्ट के अनुसार भारत ने 2023 में अपने GDP का 2.4% मिलिटरी पर खर्च किया था।
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