– पहले तो बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को अप्रैल 2025 में लागू किया था, जिसके तहत महाराष्ट्र स्कूल शिक्षा विभाग ने कक्षा 1 से 5 तक मराठी और अंग्रेजी माध्यम दोनों स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा बना दिया था।
– ये नीति सभी राज्यों में लागू की थी लेकिन महाराष्ट्र ओर दक्षिण राज्यों में इसका विरोध हुआ था, जिसके चलते महाराष्ट्र सरकार ने अब ये संशोधित आदेश जारी किया है।
ये है संशोधित आदेश
– सरकार ने 17 जून 2025 को संशोधित आदेश जारी किया।
– इसमें कहा है कि राज्य के मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में कक्षा एक से पांचवीं तक के छात्रों के लिए हिंदी अनिवार्य होने के बजाय ”सामान्य रूप से” तीसरी भाषा होगी।
– क्लास में 20 से अधिक छात्र हिंदी के बजाय अन्य भाषा सीखना चाहते हैं, तो शिक्षक इसे उपलब्ध कराएंगे या क्लास सब्जेक्ट को ऑनलाइन पढ़ाया जाएगा।
– ये भी कहा गया है कि सभी माध्यम के स्कूलों में मराठी भाषा अनिवार्य रहेगी।
– स्कूल शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में हिंदी काफी बोली जाती है। इसे सीखने से छात्रों को फायदा होगा।
– इससे 12वीं कक्षा के छात्रों को भी उच्च शिक्षा में मदद मिलेगी।
महाराष्ट्र
मुख्यमंत्री : देवेन्द्र फडणवीस
राज्यपाल : सी.पी. राधाकृष्णन
राजधानी: मुम्बई और नागपुर (शीतकालीन)
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